आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो प्यारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो श्रृंगार दादी,
कितनो प्यारो प्यारो है।।
तर्ज – एक तेरा साथ।
थारी पूजा अर्चन तो,
नहीं जानू दादी जी,
टाबर मैं बावला,
आया थारी नगरी,
लिए प्रेम भरी नगरी,
दादी जी थारा लाडला,
चरणा स्यु लगालो,
थारे चरणा को सहारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो सिणगार दादी,
कितनो प्यारो प्यारो है।।
म्हारे हिवड़े बस जाओ,
म्हारे बहोत सतावे जी,
दादी जी थारी यादडली,
भगता री पत राखो,
ओ झुंझनू वाली,
म्हारी भर आई आँखड़ली,
चोखानी भी दादी,
सेवकियो इक थारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो सिणगार दादी,
कितनो प्यारो प्यारो है।।
आज यो सिणगार दादी,
कितनो प्यारो प्यारो है,
थारी ज्योत को उजियारो है,
आज यो सिणगार दादी,
कितनो प्यारो प्यारो है।।
Singer : अमित बंसल, हनुमानगढ़
Cont. 9462171950
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