आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
अपने भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द।
यमुना का पानी तोसे करता सवाल है
तेरे बिना देख जरा कैसा बुरा हाल है
काहे तूने तोड़ लिया प्यार ओ गोविन्द
अपने भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द।
निकला है सवा मन सोना जिस कोख से
गाये बिचारि मरे बिना चारे बिना भूख से
गैय्या को दिया दुत्कार ओ गोविन्द
तेरे भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द।
घर घर में माखन की जगह शराब है
कलयुगी गोपिया तो बहुत ही ख़राब है
धर्म तो बन व्यापार ओ गोविन्द
अपने भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द।
अब किसी द्रोपती बचती ना लाज रे
बिगड़ा जमाना भए उलटे ही काज रे
कन्सो की बनी सरकार ओ गोविन्द
अपने भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द।
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
अपने भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द ।