रो रो कहता मैं तुमसे,
ये बात साँवरे,
आके करलो ना मुझसे,
दो बात साँवरे।।
तर्ज – जबसे देखा तुम्हें।
तेरी यादों में हरपल,
मैं खोने लगा,
इसी आस में,
दिन में भी सोने लगा,
तेरे सपनो में आने की,
आस साँवरे,
आके करलों ना मुझसे,
दो बात साँवरे।।
साथ रहता है,
अहसास होने लगा,
तेरे ही ख्यालों में,
खोने लगा,
है भरोसा ये देगा,
सौगात साँवरे,
आके करलों ना मुझसे,
दो बात साँवरे।।
सच कहता हूं,
मन को तू मोहने लगा,
‘रवि’ किरपा से तेरी,
संवरने लगा,
पिता निकिता का तू ही,
और मात साँवरे,
आके करलों ना मुझसे,
दो बात साँवरे।।
रो रो कहता मैं तुमसे,
ये बात साँवरे,
आके करलो ना मुझसे,
दो बात साँवरे।।
लेखक / प्रेषक – रवि शर्मा (श्रीगंगानगर)
7062534590
गायिका – निकिता अग्रवाल।