आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके।
(तर्ज :- आये हो मेरी जिन्दगी मेँ …)
आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके।
मेरी झोली को तू भरना ऽऽऽ लखदातार बनके॥
आया हूँ …
मेरे बाबा मेरे दाता मेरे संग मेँ सदा ही रहना।
बदलेगी ये दुनिया पर तुम ना बदलना।
नैया मेरी पार करना खेवनहार बनके॥१॥
मेरी झोली … आया हूँ …
स्वार्थ की है दुनिया मतलब का है जमाना।
तेरे बिना मेरे बाबा अब ना कोई ठिकाना।
मुझे ठुकरा न देना कहीँ अनजान बनके॥२॥
मेरी झोली … आया हूँ …
जिन्दगी है दुखोँ का सागर कहीँ डूब न जाऊँ।
पड़के मोह माया मेँ मैँ जो तुम्हेँ भूल जाऊँ।
याद मुझे दिलाना तुम मेरे नाथ बनके॥३॥
मेरी झोली … आया हूँ …
गाऊँ क्या तेरी महिमा कोई समझ ही न पाया।
‘प्रमोद खेदड़’ भी बाबा शरण तेरी आया।
तुम अपना लेना दया की नजर करके॥४॥
मेरी झोली … आया हूँ …
आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके।
मेरी झोली को तू भरना ऽऽऽ लखदातार बनके॥
आया हूँ …
Bhajan By “PKhedar”