आई रात है ग्यारस की कैसे आऊँ श्याम धणी भजन लिरिक्स

आई रात है ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी,
आई रात हैं ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी।।

तर्ज – घर आया मेरा परदेसी।



अँखियाँ दरश को तरसे रे,

झर झर नैना बरसे रे,
मैं तो हूँ मारी किस्मत की,
कैसे आऊँ श्याम धणी,
आयी रात है ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी।।



रोटियों की भी लाले है,

मन पर दुःख के छाले है,
क्यूँ ना मेरी बात बनी,
कैसे आऊँ श्याम धणी,
आयी रात है ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी।।



कैसे होगा तुमसे मिलन,

मुझको बताओ मेरे भगवन,
महिमा तेरी बहुत सुनी,
कैसे आऊँ श्याम धणी,
आयी रात है ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी।।



गुण गाता है ‘चोखानी’,

मेरे घर आओ वरदानी,
आस लगी तेरे दर्शन की,
कैसे आऊँ श्याम धणी,
आयी रात है ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी।।



आई रात है ग्यारस की,

कैसे आऊँ श्याम धणी,
आई रात हैं ग्यारस की,
कैसे आऊँ श्याम धणी।।


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