ऐ मेरे श्याम लौट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है,
आके तो देख मेरी हालत को,
बिन तेरे हर ख़ुशी अधूरी है,
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा।।
तर्ज – ऐ मेरे दोस्त लौट के आजा,
बहके आँखों में लब पे आये है,
दिल में एक तूफान सा है,
क्या करूँ मैं इन बहारों का,
दिल का गुलशन मेरा वीरान सा है,
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है।।
लब पे कुछ उठती है सावन की,
आग बरसाती है चांदनी राते,
तड़प उठती है याद आती है,
तेरी यादे तेरी मुलाकाते,
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है।।
दिल के बदले दिल दिया कान्हा,
तूने समझी की दिल लगी की है,
प्यार जितना किया है मेने तुझे,
तेरे हाथो में मेरी जिंदगी है,
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है।।
बनके हमदर्द मेरा हमसाया,
तू मेरी जिंदगी में आया था,
प्यार जितना किया है मेने तुझे,
सारी दुनिया को भी भुलाया है,
ऐ मेरे श्याम लोट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है।।
अब तो आये है आह दिल में है,
थम ना जाये ये मेरी साँसे,
जल ना जाऊँ में कई तरह से में,
बुझ ना जाये याद की यादे,
ऐ मेरे श्याम लोट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है।।
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा,
बिन तेरे जिंदगी अधूरी है,
आके तो देख मेरी हालत को,
बिन तेरे हर ख़ुशी अधूरी है,
ऐ मेरे श्याम लौट के आजा।।