अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता।।
ना होती तमन्ना हि, तेरे मिलन की,
अगर मेरे मन को तु, भाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता।।
लबो पे तेरा ये, तरना ना होता,
अगर तीर दिल से, चलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता।।
ना फिरती मैं तेरे, लिए मारि मारि,
अगर तुने खुद ही, रुलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता।।
तो मै भी निराशा में, आशा ना रखती,
किसी के लिये गर तु, आया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता।।
ये बेदर्द दुनिया, मुझे कुछ तो कहती,
अगर तुने दिल से, बुलाया ना होता,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता।।
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता।।