अंजनी के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।
दोहा – काज किये बढ़ देवन के तुम,
वीर महाप्रभु देख विचारो,
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहीं जात है टारो।।
अंजनी के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो,
संकट हरो मेरी विनती सुनो,
मेरी विनती सुनो,
अंजनि के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।।
लाखो को तारे लाखो उबारे,
लाखो उबारे,
लाखो को तारे लाखो उबारे,
लाखो उबारे,
हमको भी तारो हनुमान,
आज मेरा संकट हरो,
अंजनि के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।।
लक्ष्मण को शक्ति बाण लाग्यो जब,
बाण लाग्यो जब,
लक्ष्मण को शक्ति बाण लाग्यो जब,
बाण लाग्यो जब,
लाये संजीवन उतार,
आज मेरा संकट हरो,
अंजनि के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।।
लंका में जब ये हलचल मची थी,
हलचल मची थी,
विभीषण की कुटिया कैसे बची थी,
कैसे बची थी,
कुटिया में लिखा राम नाम,
आज मेरा संकट हरो,
अंजनि के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।।
तुलसीदास रख आस रघुवर की,
आस रघुवर की,
तुलसीदास रख आस रघुवर की,
आस रघुवर की,
राम जी के भक्त हनुमान,
आज मेरा संकट हरो,
अंजनि के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।।
अंजनी के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो,
संकट हरो मेरी विनती सुनो,
मेरी विनती सुनो,
अंजनि के लाल हनुमान,
आज मेरा संकट हरो।।
गायक – मनीष तिवारी इंदौर।