अरज सुनो मोरी,
शीश के दानी,
लाज रख मोरी,
श्याम वरदानी,
अर्ज सुन मोरी,
शीश के दानी।।
हारे का साथी बन जाए,
भक्तों के दुखडो को मिटाए,
तुम्हीं से मेरे बाबा,
मेरी जिंदगानी,
अर्ज सुन मोरी,
शीश के दानी।।
एक बार जो दिल से बुलाबे,
खाटू वाला दौड़ा आवे,
ना तुमसे बढ़कर,
जगत में दानी,
अर्ज सुन मोरी,
शीश के दानी।।
तू ही कश्ती तू ही किनारा,
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा,
प्रीत ये मधुर की है,
तुमसे पुरानी,
अर्ज सुन मोरी,
शीश के दानी।।
अरज सुनो मोरी,
शीश के दानी,
लाज रख मोरी,
श्याम वरदानी,
अर्ज सुन मोरी,
शीश के दानी।।
गायक / लेखक – मधुर जी।