बाबो परणीजे,
शोढ़ा री सखिया मंगल गावे रे,
बाबो परनिजे,
मंगल गावे रे सखिया,
मंगल गावे रे।।
एक तो संदेशो म्हारे,
गजाननंद जी नें दीजो रे,
रणत भवर रा विनायक थे,
आया रहिजो रे,
बाबो परनिजे।।
एक तो संदेशो म्हारे,
माता जी न दीजो रे,
सिंह की सवारी माता,
आया रहिजो रे,
बाबो परनिजे।।
एक तो संदेशो म्हारे,
शिव शंकर नें दीजो रे,
पार्वता न सागे लेकर,
आया रहिजो रे,
बाबो परनिजे।।
एक तो संदेशो म्हारे,
सब भगता नें दीजो रे,
गाजा बाजा धोली ध्वजा,
लेकर आजो रे,
बाबो परनिजे।।
एक तो संदेशो म्हारे,
जम्मा माहि दीजो रे,
दास गोपालो भजन सुनावे,
नाचो गावों रे,
बाबो परनिजे।।
बाबो परणीजे,
शोढ़ा री सखिया मंगल गावे रे,
बाबो परनिजे,
मंगल गावे रे सखिया,
मंगल गावे रे।।
गायक – गोपाल सोनी रतनगढ़।