बड़े भोले भाले दयावान हो,
अलमस्त मेरे,
अलमस्त मेरे भगवान हो,
बड़े भोले भाले दयावान हो।।
तर्ज – बहुत प्यार करते है।
ना कपडे है तन पे,
ना आसान सुहाना,
धतूरे का भोजन,
जमीं पर ठिकाना,
तीन लोक के फिर भी,
तीन लोक के फिर भी,
निगहबान हो,
बड़े भोले भाले दयावान हो।।
दूध की दुनिया,
बहाती है धारा,
सजाती है तेरा,
श्रृंगार प्यारा,
जल भी चढ़ाए तो,
जल भी चढ़ाए तो,
मेहरबान हो,
बड़े भोले भाले दयावान हो।।
शरण जो भी आए,
गले से लगाते,
‘हर्ष’ हमेशा बाबा,
करुणा दिखाते,
भक्तो की बगिया के,
भक्तो की बगिया के,
बागबान हो,
बड़े भोले भाले दयावान हो।।
बड़े भोले भाले दयावान हो,
अलमस्त मेरे,
अलमस्त मेरे भगवान हो,
बड़े भोले भाले दयावान हो।।