राम आए है आए है राम आए है,
छोड़ कुटिया को महलों में,
राम आए है राम आए है,
संग दिवाली का उत्सव भी,
लाए है राम आए है,
राम आए है आए है राम आए है।।
नया साल साल ढेरों खुशियां लाया,
22 जनवरी का दिन शुभ आया,
रामलला जी के दर्शन सबने पाए है,
राम आए हैं,
छोड कुटिया को महलो में,
राम आए है राम आए है।।
जब से आई है अवध से पाती,
जनता खुशी से फूली न समाती,
सभी कहैं अयोध्या हम भी जाएंगे,
राम आए हैं,
छोड कुटिया को महलो में,
राम आए है राम आए है।।
राम जी का सुंदर सिंहासन बनाया,
थाल दीयों से दिवाली का सजाया,
सबने लला के स्वागत में दीप जलाए है,
राम आए हैं,
छोड कुटिया को महलो में,
राम आए है राम आए है।।
सदियों बाद शुभ मंगल दिन आया है,
रामलला का मनमोहक दर्शन पाया है,
‘श्याम’ राम कृपा से दर्शन सबने पाए हैं,
राम आए हैं,
छोड कुटिया को महलो में,
राम आए है राम आए है।।
राम आए है आए है राम आए है,
छोड़ कुटिया को महलों में,
राम आए है राम आए है,
संग दिवाली का उत्सव भी,
लाए है राम आए है,
राम आए है आए है राम आए है।।
स्वर एवम भाव – घनश्याम मिढ़ा।