छोड़ेंगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक।।
तर्ज – छोड़ेंगे ना हम तेरा साथ।
दोहा -चाहे छुट जाये ज़माना,
या माल-ओ-जर छूटे,
ये महल और अटारी,
या मेरा घर छूटे,
इसीलिए तो कहता है ‘लख्खा’,
श्याम बाबा,
सब जगत छूटे,
पर आपका ना दर छूटे।
छोड़ेंगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक,
मरते दम नहीं,
अगले जनम तक,
अगले जनम नहीं,
सात जनम तक,
सात जनम नहीं,
जनम जनम तक,
छोड़ेगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक।।
निर्धन को धनवान बनाए,
ऐसी है तेरी माया,
ओ बाबा ऐसी है तेरी माया,
भेद तेरी शक्ति का जग में,
कोई समझ ना पाया,
ओ बाबा कोई समझ ना पाया,
दुःख के अँधेरे दूर भगाए,
आस का दीपक मन में जलाए,
नाम जपे तेरा सांस है जबतक,
छोड़ेगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक।।
खाटु में प्रभु आप विराजे,
सब पर हुकुम चलाए,
ओ बाबा सब पर हुकुम चलाए,
भक्तो की लाज बचाने बाबा,
पलभर में आ जाए,
ओ बाबा पलभर में आ जाए,
निर्बल को तुम देते सहारा,
सबसे है प्यारा श्याम हमारा,
इस धरती से उस अम्बर तक,
छोड़ेगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक।।
महाभारत में कृष्ण को आपने,
शीश का दान दिया है,
ओ बाबा शीश का दान दिया है,
खुश होकर के आपको कृष्ण ने,
ये वरदान दिया है,
ओ बाबा ये वरदान दिया है,
निल गगन के चाँद और तारे,
रवि की किरणे आरती उतारे,
पूजा हो तेरी दुनिया है जबतक,
छोड़ेगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक।।
छोड़ेगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक,
मरते दम नहीं,
अगले जनम तक,
अगले जनम नहीं,
सात जनम तक,
सात जनम नहीं,
जनम जनम तक,
छोड़ेगे ना हम तेरा द्वार,
ओ बाबा मरते दम तक।।