दरबार मे शिर्डी वाले के दुख दर्द मिटाए जाते है भजन लिरिक्स

दरबार मे शिर्डी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है,
दुनिया से सताए लोग यहाँ,
सिने से लगाए जाते है,
दरबार मे शिर्डी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।



दरबार है शिर्डी वाले का,

हर भक्त यहा मतवाला है,
भर भर के प्याले अमृत के,
यहा रोज पिलाए जाते है,
दरबार मे शिरडी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।



गीता है यहा है ग्रंथ यहा,

भगवान यहा रहमान यहा,
हिंदू और मुस्लिम सिख ईसाई,
इस दर पे बुलाए जाते है,
दरबार मे शिरडी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।



जिन भक्तों पे ऐ जग वालों,

है ख़ास दया मेरे साई की,
उनको ही बुलावा जाता है,
जो लोग बुलाए जाते है,
दरबार मे शिरडी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।



लक्खा के सर भी आया है,

सब साई तुम्हारी माया है,
भर भर के पानी दीपक में,
यहाँ दिप जलाये जाते है,
दरबार मे शिरडी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।



दरबार मे शिर्डी वाले के,

दुख दर्द मिटाए जाते है,
दुनिया से सताए लोग यहाँ,
सिने से लगाए जाते है,
दरबार मे शिर्डी वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते है।।


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