जब भक्त नहीं होंगे,
भगवान कहाँ होगा,
हर एक समस्या का,
समाधान कहाँ होगा।।
पंडित भी हुए लाखो,
विद्वान हुए लाखो,
रावण जैसा कोई,
विद्वान कहाँ होगा,
जब भक्त नही होंगे,
भगवान कहाँ होगा,
हर एक समस्या का,
समाधान कहाँ होगा।।
जो तप भी करते है,
वरदान भी पाते है,
भस्मासुर के जैसा,
वरदान कहाँ होगा,
जब भक्त नही होंगे,
भगवान कहाँ होगा,
हर एक समस्या का,
समाधान कहाँ होगा।।
दानी भी हुए लाखो,
और दान भी होते है,
कन्या दान जैसा,
कोई दान कहाँ होगा,
जब भक्त नही होंगे,
भगवान कहाँ होगा,
हर एक समस्या का,
समाधान कहाँ होगा।।
मेहमान भी आते है,
मेहमानी होती है,
पर भक्त सुदामा सा,
मेहमान कहाँ होगा,
जब भक्त नहीं होंगे,
भगवान कहाँ होगा,
हर एक समस्या का,
समाधान कहाँ होगा।।
भक्ति भी मिलती है,
शक्ति भी मिलती है,
पर हनुमान जैसा,
बलवान कहाँ होगा,
जब भक्त नही होंगे,
भगवान कहाँ होगा,
हर एक समस्या का,
समाधान कहाँ होगा।।