जगत में होनहार बलवान इसे कोई ना समझो झूठी भजन लिरिक्स

जगत में होनहार बलवान,
इसे कोई ना समझो झूठी,
इसे कोई ना समझो झूठी।।



होनी को परताप कैकई,

मेहलन में रूठी,
होनी को परताप कैकई,
मेहलन में रूठी,
राम गए वनवास,
अरे हाँ राम गए वनवास,
देह नृप दशरथ की छूटी,
इसे कोई ना समझो झूठी,
जगत मे होनहार बलवान,
इसे कोई ना समझो झूठी,
इसे कोई ना समझो झूठी।।



होनी को परताप एक दिन,

रावण पर बीती,
होनी को परताप एक दिन,
रावण पर बीती,
दियो विभीषण राज,
लंकगढ़ सुवरण की फूटी,
इसे कोई ना समझो झूठी,
जगत मे होनहार बलवान,
इसे कोई ना समझो झूठी,
इसे कोई ना समझो झूठी।।



होनी को परताप एक दिन,

अर्जुन पर बीती,
होनी को परताप एक दिन,
अर्जुन पर बीती,
वही अर्जुन वही बाण,
अरे हाँ वही अर्जुन वही बाण,
गोपियाँ भिल्लण ने लूटी,
इसे कोई ना समझो झूठी,
जगत मे होनहार बलवान,
इसे कोई ना समझो झूठी,
इसे कोई ना समझो झूठी।।



होनी को परताप एक दिन,

नर ऊपर बीती,
‘घासीराम’ चैत मन मूरख,
‘घासीराम’ चैत मन मूरख,
चौरासी छूटी,
इसे कोई ना समझो झूठी,
जगत मे होनहार बलवान,
इसे कोई ना समझो झूठी,
इसे कोई ना समझो झूठी।।



जगत में होनहार बलवान,

इसे कोई ना समझो झूठी,
इसे कोई ना समझो झूठी।।

Singer : Shri Vijay Prakash Vaishnav


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