जिनके सिर पर,
साँवरियें का हाथ है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है,
क्या बात है क्या बात है,
तुम देखो जाकर के,
जिनके सिर पर,
साँवरियें का हाथ है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है।।
तर्ज – पहली पहली बार।
अपने भक्तो के ऊपर,
ये किरपा बरसाता है,
हर संकट से पहले ही,
बाबा दौड़ा आता है,
कदम कदम पर रहता,
उनके साथ है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है।।
सारी दुनिया जान गई,
सच्चा तेरा द्वार है,
सच्चे दिल से याद करे,
उसका बेडा पार है,
श्याम के संग में रहता,
दिन और रात है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है।।
जब जब जिसने नाम लिया,
बाबा ने हर काम किया,
जब जब नैया डोली है,
इसने आके थाम लिया,
उनके घर में खुशियों की,
बरसात है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है।।
ग्यारस के दिन जिस घर में,
इनकी ज्योति जलती है,
जाकर देखो उस घर में,
रोज दिवाली मनती है,
कदम कदम पे रहता,
उनके साथ है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है।।
जिनके सिर पर,
साँवरियें का हाथ है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है,
क्या बात है क्या बात है,
तुम देखो जाकर के,
जिनके सिर पर,
साँवरियें का हाथ है,
उन भक्तो के देखो,
कितने ठाट है।।