बांके बिहारी मुझको देना सहारा भजन लिरिक्स

बांके बिहारी मुझको देना सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।

तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।



तेरे सिवा मन में आए ना कोई,

लगन का ये दीपक बुझाए कोई,
तुम्ही मेरी कश्ती तुम ही किनारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



तेरे रास्ते से हटाती है दुनिया,

इशारो से मुझको बुलाती है दुनिया,
देखू न हरगिज़ मैं दुनिया का इशारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



तेरे नाम का गान गाता रहू मैं,

सुबह शाम तुझको रिझाता रहू मैं,
तेरा नाम मुझको है प्राणो से प्यारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



बड़ी भूल की जो मैं दुनिया में आया,

मूल भी खोया और ब्याज भी गवाया,
दुनिया में मुझको न भेजना दुबारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



बहुत उम्र बीती अभी तक न आये,

बैठा हूँ कबसे मैं पलकें बिछाये,
जल्दी से आजा नटवर तेरा सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



बांके बिहारी मुझको देना सहारा,

कही छूट जाये न दामन तुम्हारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।

स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।


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