कैसे मैं शिव को मनाऊ हो शिव मानत नाही भजन लिरिक्स

कैसे मैं शिव को मनाऊ हो,
शिव मानत नाही,

कैसे भोले को मैं मनाऊ हो,
भोले मानत नाही।।



लाडू और पेड़ा वाके,
मनहु ना भावे,

भांग धतूरा कहाँ पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।



हल्दी और कंकु वाके,
मनहु ना भावे,

मुर्दे की भस्मी कहा पाउ हो,
शिव मानत नाही।।



ताल तलैया वाके,
मनहु ना भावे,

गंगा की धार कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।



मोर मुकुट वाके,
मनहु ना भावे,

शीश पे चन्दा कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।



तलवार भाला वाके,
मनहु ना भावे,

घर में त्रिशूल कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।



महल अटारी वाके,
मनहु ना भावे,

टूटी झोपड़िया कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।



ताल तलैया वाके,
मनहु ना भावे,

गंगा की धार कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।



कैसे मैं शिव को मनाऊ हो,
शिव मानत नाही,

कैसे भोले को मैं मनाऊ हो,
भोले मानत नाही।।


 

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