कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके,
भुला क्युँ दिया हमें, अपना बना के।
अभी मैंने तुमको निहारा नहीं है,
तुम्हारे सिवा कोई हमारा नहीं है,
चले क्युँ गए श्याम दीवाना बना के,
भुला क्युँ दिया हमें, अपना बना के।
अभी मेरी आखों मे आसूँ भरे है,
जखम मेरे दिल के अभी भी हरे हैं ,
चले क्युँ गए श्याम बंसी बजा के,
भुला क्युँ दिया हमें, अपना बना के।
अगर तुम ना आये तो दिल क्या करेगा ,
तुम्हारे लिए ही तड़पता रहेगा ,
निभाना नहीं था तो पहले ही कहते,
बुझाते हो क्युँ आग दिल मे लगा के।
कोई श्याम सुन्दर से कह दो ये जाके,
भुला क्युँ दिया हमें, अपना बना के।