कुछ तो है सरकार,
तेरी सरकारी में,
क्या रखा है,
झूठी दुनिया दारी में,
कुछ तो है साँवरे,
कुछ तो है साँवरे,
तेरी यारी में,
कुछ तो हैं सरकार,
तेरी सरकारी में।।
दो पहलु संसार के,
दो रुख वाली रीत,
दिन अच्छे तो सब मिले,
दूर दिन मिले ना मीत,
साथ तेरा मिले,
साथ तेरा मिले लाचारी में,
कुछ तो हैं सरकार,
तेरी सरकारी में।।
मैंने बस गुणगान किया,
तूने दिया वरदान,
दानी तुझसा और नहीं,
दी अपनी पहचान,
मिला सब है तेरी,
मिला सब है तेरी दातारि में,
कुछ तो हैं सरकार,
तेरी सरकारी में।।
मौसम सा बदले यहाँ,
लोगों का व्यवहार,
झुठे रिश्ते झूठे नाते,
झूठा है संसार,
है भरोसा तेरी,
है भरोसा तेरी रिश्तेदारी में,
कुछ तो हैं सरकार,
तेरी सरकारी में।।
हरदम रहना साथ तू,
बन ‘निर्मल’ की ढाल,
मेरा जो रक्षक है तू,
जग की क्या है मजाल,
मैं रहूं खुश तेरी,
मैं रहूं खुश तेरी दरबारी में,
कुछ तो हैं सरकार,
तेरी सरकारी में।।
कुछ तो है सरकार,
तेरी सरकारी में,
क्या रखा है,
झूठी दुनिया दारी में,
कुछ तो है साँवरे,
कुछ तो है साँवरे,
तेरी यारी में,
कुछ तो हैं सरकार,
तेरी सरकारी में।।
– Suggested By –
अनुज कुमार मीणा
‘श्री बजरंग सत्संग मंडल राहुवास’