लाल लंगोटो हाथ में सोटो,
श्लोक – लाल देह लाली लसे,
अरु धर लाल लंगुर,
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूत।
लाल लंगोटो हाथ में सोटो,
लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय हो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।
सालासर थारो देवरो है,
मेहंदीपुर थारो देवरो है,
थारे नोबत बाजे द्वार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।
चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
थारे आये भगत हजार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
कोई मंगल और शनिवार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।
लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी,
थारी जय हो दीनदयाल,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।