लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में ​अब ना लागे जिया घर मे

लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में
​अब ना लागे जिया, घर मे परीवार मे,

लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में।।



दिल हुआ है उसी का दिवाना,

गुंजे होटो पे उसका तराना,
रहे आखो मे तस्वीर उसकी,
कहे पागल मुझे ये जमाना,
मे दिवानी दिवानी,
मे दिवानी फ़िरू बिच बाजार मे,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में।।



तुमसे पहले भी मै जी रही थी,

दर्द के आंसू मे पी रही थी,
हे जुदाई का गम क्या बताऊ,
होट अपनो को मै सी रही थी,
अब आजा रे आजा,
अब आजा मोहन मै तो गई हार रे,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में।।



दिल की धडकन मे वो ही बसा है,

रहे हरदम उसी का नशा है,
दिल लगा के दयानन्द देखो,
आया जिने का असली मजा है,
अब भावे ना भावे,
अब भावे न कुछ भी सन्सार मे,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में।।



​अब ना लागे जिया, घर मे परीवार मे,

लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में।।


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