मैया तेरे नौ नामों की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
श्लोक – सर्व मंगल मांगल्ये,
शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बिके गौरी,
नारायणी नमोस्तुते।।
मैया तेरे नौ नामों की,
महिमा है बड़ी न्यारी,
तू सब रूपों में चामुंडा,
लगती है बड़ी प्यारी,
तू नवरातो में तुलजा माँ,
सभी रूपों में आती है,
तू गरबा खेलती है माँ,
दर्शन दे के जाती है,
मैया तेरे नौ नामों की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
शैलपुत्री तेरा पहला अवतार है माँ,
जो भी इस रूप में माँ,
करता पूजा तेरी,
तूने शुभ लाभ से उसकी झोली भरी,
आए सब दर पे तेरे,
सारे जग की तू पालनहारी है,
दुष्ट जनो की तू संहारी है,
त्रिशूल धारिणी माता अम्बे,
रौद्र रूपिणी माँ जगदम्बे,
युग युग से है तू ही सहारा,
तुझे पूजे हे जगजननी,
ये सारे जग के नर नारी,
मैया तेरे नौ नामो की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
ब्रम्ह्चारिणी तेरा दूसरा रूप है माँ,
तू ही शाश्वत है माँ,
बाकी सब है नश्वर,
चंद्रघंटा रूप है तेरा तीसरा माँ,
है चौथे रूप में तू,
भवानी कुष्मांडा,
है पंचम रूप तेरा,
देवी स्कंदमाता,
शिव प्रिया भद्रकाली,
है श्यामला माँ,
बलदायिनी हे माँ अम्बे,
ज्ञानदीयिनी माँ चामुण्डे,
शौकनाशिनी हे माँ दुर्गे,
विंध्यवासिनी हे माँ तुल्जे,
अनंत नाम है तेरे भवानी,
राधा तू ही है कान्हा की,
गौरी शिव की तू ही प्यारी,
मैया तेरे नौ नामो की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
है कात्यायनी रूप तेरा षष्टम,
कालरात्रि रूप तेरा सप्तम,
मन में ना क्लेश रहे,
ना ही फिर द्वेष रहे,
है जो तू माँ दुःख न शेष रहे,
रूप है अष्टम महागौरी का,
रूप है नवा सिद्धिदात्री का,
ऋषि मुनि सब तुझको ध्याते,
देव लोक में देव मनाते,
मन मंदिर में तुझे ही पाते,
तीनो लोको में पूजित है,
माँ चामुंडा त्रिपुरारी,
मैया तेरे नौ नामो की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
तू ही मैया दयालु,
तू ही मैया कृपालु,
तेरे चरणों की धूलि,
मैं मस्तक पर लगा लूँ,
इस भव से पार करे,
तू हर नैया को,
मैने जो भी है पाया,
सब तुझसे ही आया,
मेरा कुछ नहीं है मैया,
ये सब है तेरी माया,
तू करदे माटी को भी सोना पल में,
योगी सब तुझको ही ध्यावे,
तीनो देव तेरे गुण गावे,
रिद्धि सिद्धि देने वाली,
दुर्बुद्धि तू हरने वाली,
शुम्भ निशुम्भ को तूने मारा,
है पर्वत पे माँ चामुंडा,
करे मंशा पूरण सारी,
मैया तेरे नौ नामो की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
मैया तेरे नौ नामों की,
महिमा है बड़ी न्यारी,
तू सब रूपों में चामुंडा,
लगती है बड़ी प्यारी,
तू नवरातो में तुलजा माँ,
सभी रूपों में आती है,
तू गरबा खेलती है माँ,
दर्शन दे के जाती है,
मैया तेरे नौ नामों की,
महिमा है बड़ी न्यारी।।
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