मन हो जा दिवाना रे,
बालाजी के चरणों में,
तू करले ठिकाना रे,
बालाजी के चरणो में,
मन हो जा दीवाना रे,
बालाजी के चरणों में।।
पिता पवन अंजनी महतारी,
शिव शंकर के हो अवतारी,
सारा झुकता जमाना रे,
बालाजी के चरणो में,
मन हो जा दीवाना रे,
बालाजी के चरणों में।।
अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता,
दिनों के अटके काम बनाता,
सारा रहता खजाना रे,
बालाजी के चरणो में,
मन हो जा दीवाना रे,
बालाजी के चरणों में।।
निर्धन को धनवान बनाते,
निर्बल को बलवान बनाते,
तू भी मन को लगाना रे,
बालाजी के चरणो में,
मन हो जा दीवाना रे,
बालाजी के चरणों में।।
तन के सारे रोग मिटाते,
भवर से नैया पार लगाते,
अपनी विनती सुनाना रे,
बालाजी के चरणो में,
मन हो जा दीवाना रे,
बालाजी के चरणों में।।
मन हो जा दिवाना रे,
बालाजी के चरणों में,
तू करले ठिकाना रे,
बालाजी के चरणो में,
मन हो जा दीवाना रे,
बालाजी के चरणों में।।
Suggested By : Rk Meena