तेरे चरणों में भोले शीश झुका दूंगी,
मेरे बेटे का ब्याह करवा दे,
तेरी कावड़ ला दूंगी।।
गली मोहल्ला ताने मारे,
क्यू ना बाबा बात विचारे,
तेरी खातिर,
भांग का घोटा लादू गी।।
सोमवार के वर्त करूं सु,
तेरे चरणों में अर्ज करू सु,
नीलकठ पे,
चढके जल चढ़ा दूंगी।।
जम्मू और बाला जी जाके,
बैठ गई इब थारे आके,
हर हर गंगे,
बोले गोता लादू गी।।
‘शिवानी सैनी’ भजन सुनावे,
भोले बाबा तने मनावे,
मोहाना में,
भंडारा तेरा लादू गी।।
तेरे चरणों में भोले शीश झुका दूंगी,
मेरे बेटे का ब्याह करवा दे,
तेरी कावड़ ला दूंगी।।
स्वर – शिवानी सैनी।
लेखक – कृष्ण गुहनिया।