मेरे राम मुझको देना सहारा कही छूट जाये न दामन तुम्हारा

मेरे राम मुझको देना सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
दामन तुम्हारा, दामन तुम्हारा,
दामन तुम्हारा दामन,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



इशारो से मुझको बुलाती ये दुनिया,

तेरे रास्ते से हटाती ये दुनिया,
तेरा नाम मुझको है प्राणो से प्यारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



आओ कही हो ना जाये देरी,

भाग्य बना है अपनी प्रीत में बैरि,
आके दिखा दो राम प्रीत का नजारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



बचपन से प्रीत राम तुमसे ही जोड़ी,

कही टूट जाये ना प्रीत की डोरी,
जल्दी से आओ राम तेरा सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



तेरे सिवा दिल में समाये न कोई,

लगन का ये दीपक बुझाए कोई,
तू ही मेरी कश्ती राम तूही किनारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।



मेरे राम मुझको देना सहारा,

कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
दामन तुम्हारा, दामन तुम्हारा,
दामन तुम्हारा दामन,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।


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