मेरे शिव अवतारी गुरु गोरख जी एक बार दर्श दिखा जाइए

मेरे शिव अवतारी,
गुरु गोरख जी,
एक बार दर्श दिखा जाइए।।



तेरे धाम प चल कर आया हूं,

तेरा भगमा कपडा लाया हूं,
थोडी दया का सिर पर हाथ धरों,
मेरा बेड़ा पार लगा जाइए।।



ये तेरे भगत बुलाव है,

तेरा जगराता करवावे है,
तू क्यों दर लागाव स,
मेरा सोया भाग्य जगा जाइए।।



दुखिया दर प आव है,

और मन चाहा फल पाव स,
तू मछन्दर नाथ का चेला,
मारे कष्ट मिटा जाइए।।



तेरा दीपक भानखुड गावै स,

सुरेंद्र भगत समझाव स,
इन‌ भगता की विनती सुन‌,
सूर का ज्ञान सीखा जाइए।।



मेरे शिव अवतारी,

गुरु गोरख जी,
एक बार दर्श दिखा जाइए।।

लेखक व‌ गायक – दीपक हरियाणवी।


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