मेरी ज़िन्दगी को,
संभालो कन्हैया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।
ना दूजा कोई जो,
किनारे लगाए,
भवर दिख रहे है,
कही फ़स ना जाए,
सभी संकटो से,
तुम्ही हो बचइया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
मेरी जिंदगी को,
संभालो कन्हैया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
तुम्हारे भरोसे,
जिसकी हो नौका,
कभी आज तक तो,
खाया ना धोखा,
चले आओ अब तो,
बिगड़ी बनईया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
मेरी जिंदगी को,
संभालो कन्हैया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
तुम्ही मेरे रक्षक,
तुम्ही देवता हो,
‘बिन्नू’ कहे तुम ही,
माता पिता हो,
तुम्ही से है यारी,
तुम्ही मेरे भैया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
मेरी जिंदगी को,
संभालो कन्हैया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।
मेरी ज़िन्दगी को,
संभालो कन्हैया,
तुम्हारी ये नैया,
तुम्ही हो खिवैया।।