मीठा बोलोनी राजस्थानी भजन,
श्लोक – ऐसी वाणी बोलिये,
की मन का आपा खोय,
ओरन को शीतल करे,
और आप ही शीतल होये।।
शब्द संभाले बोलिये ,
शब्द रे हाथ नही पाँव,
एक शब्द मन हरे,
वीरा एक शब्द दे घाव।।
हारे मीठा बोलोनी ,
ओशी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।
छोटी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।।
जोवन जमारो थारो जावत दिखे,
बुढ़ापो आवे दिखाडो देखसी रे।।
ओशी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।।
जड़ जाए फुलड़ा बिखर जाई कालिया,
वाचना जुगडा में अमर रेवेला रे।।
छोटी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।।
बिछड़िया पचे भाया नही मिलोला,
मनडारि मन में रेवेला।।
छोटी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।।
समझ पकड़ भाया सम्पत राखो,
राजारामजी दे गया हैला।।
छोटी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।।
अरे मीठा बोलोनी ,
ओशी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।
छोटी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
मीठा बोलोनी।।
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
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