नाथ मेरा धूणे प आवे है,
किसा बरसे रंग बागड म।।
तर्ज – नाथ का चिमटा बाजे री।
सबके मन की पुरी होती,
नाथ स निराला यो..2,
दूर दूर त दूनिया आवे,
सोए भाग जगावें यो..2,
जाके चरण पकड़ लो है,
किसा बरसे रंग बागड म।।
धूणे की भभुती हरती,
सारी रोग बिमारी न..2,
एक ब जाके अर्ज लगादे,
विपता मैटे थारी न..2,
सारे ठाठ लगावे है,
किसा बरसे रंग बागड म।।
औम शिव गोरक्ष जय बोलके,
सिर प हाथ टिकावे स..2,
उस नगरी प मेहर रह,
जडे जाके धूणा लावै स..2,
पुनः पाप तोल दिखावे है,
किसा बरसे रंग बागड म।।
दीपक गालव भी आके न,
गुण बाबा के गावेगा..2,
सोनू हुडडा संग म चाले,
कद सिर प हाथ फिरावेगा..2,
भगत ये सेवा चहावे है,
किसा बरसे रंग बागड म।।
नाथ मेरा धूणे प आवे है,
किसा बरसे रंग बागड म।।
Singer – Deepak Galav