नाथ मुझ अनाथ पर,
दया कीजिये।।
तर्ज – थोड़ा इंतजार का मजा लीजिये
श्लोक
दीनानाथ अनाथ का,
भला मिला संयोग,
गर मुझे ना तारा तो,
हंसी करेंगे लोग।।
नाथ मुझ अनाथ पर,
दया कीजिये,
आप अपने चरणों को,
धुला लीजिये।।
मेरे घाट आ गए है,
चरण को बढाइये,
आइये करीब आके,
चरण को धुलाईये,
हाथ मेरे माथ पर,
रख दीजिये,
आप अपने चरणों को,
धुला लीजिये।।
रीतियों से पार करना,
केवटों का काम है,
पार करते आप सबको,
केवटों का नाम है,
मेरी हर बात पर,
गौर कीजिये,
आप अपने चरणों को,
धुला लीजिये।।
चरण को धुला करके,
नाव में बिठाया,
नाव में बिठा करके,
पार पहुचाया,
पार किया है तुमको,
मुझे तार दीजिये,
आप अपने चरणों को,
धुला लीजिये।।