रणुजे री जाईजे माँ म्हने,
पूंगल गढ परणाईए माँ,
पूंगल गढ परणाईए माँ मनी,
दुखड़ा में परणाईए माँ,
दुखड़ा में परणाईए माँ मनी,
अलगोड़ी परणाईए माँ,
अलगोड़ी परणाईए माँ मनी,
पूंगल गढ़ परणाई।।
रामदेवजी रो ब्याव मण्डियों,
मैणादे दुखरे माय ओ माँ,
लाशा बाई आई मारी,
सुगना क्यू नही आई ओ माँ,
आजा रे म्हारा वीरा रामदेव,
सुगना बाई बुलावे ओ राज,
सुगना बाई बुलावे बेनड,
आसुडा डलकावे,
सुगना बाई बुलावे बेनड,
आसुडा डलकावे।।
डागलिये चड ऊबी वीरा,
थारी वाटा जोऊ ओ माँ,
झीणे झीणे घुंगटीया में,
जूरे जूरे रोवु ओ राज,
नन्दल मेणा बोले मानी,
सासु घणी सतावे ओ राज
सुगना री अरदास सुनेनी,
आवो रामदेव वीरा राज
सुगना री अरदास सुनेनी,
आवो रामदेव वीरा राज।।
मायड़ नी भाभोसा मानी,
लाड लड़ाई ओ माँ,
पूंगलगढ़ रे धोरा में मनी,
अलगोड़ी परणाई ओ माँ,
राखडी पूनम रो मानी,
वीरो याद आवे ओ माँ,
वीरो याद आवे मारो,
जीवडलो दुःख पावे,
वीरो याद आवे मारो,
जीवडलो दुःख पावे।।
वाटा तो जोवु हारी वीरा,
कदीतो थी आवो ओ राज,
बाल पना रा साथीड़ानी,
कौन मिलावे ओ राज,
थी तो नी आया थी,
रतना नी क्यू भेजियो राज,
पूंगल रा पंनियार इननि,
बाँध जैल नाकीयो राज,
पूंगल रा पंनियार इननि,
बाँध जैल नाकीयो राज।।
समुंदरिया में बोई तारी,
जाजडली थी तारी ओ राज,
सुगना ने लेवन आवो,
जानो कई पराई राज,
थारे बिना वीरा मानी हिवड़ा सु,
कोण लगावे ओ राज ,
हिवड़ा सु कुन लगावे मानी,
धीरज कुन बदावे राज,
हिवड़ा सु कुन लगावे मानी,
धीरज कुन बदावे राज।।
पूंगल रा पनिहार म्हानी,
वेजा वेजा बोली ओ माँ,
रतनो पडियो कैद में ऐ केदडली,
नही खोली ओ राज,
सुगना री अरदास सुनेनी,
आया रामदेव वीरा राज,
सुगना बाई री ओलूडीनी,
भजन मंडल जस गावे ओ राज,
सुगना बाई री ओलूडीनी,
भजन मंडल जस गावे ओ राज।।
रणुजे री जाईजे माँ म्हने,
पूंगल गढ परणाईए माँ,
पूंगल गढ परणाईए माँ मनी,
दुखड़ा में परणाईए माँ,
दुखड़ा में परणाईए माँ मनी,
अलगोड़ी परणाईए माँ,
अलगोड़ी परणाईए माँ मनी,
पूंगल गढ़ परणाई।।
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
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