राम आरती होने लगी है जग मग जग मग ज्योत जगी है

राम आरती होने लगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है।।



गावे यश ब्रम्हा मुनि नारद,

अन्य मुनि जे पथ परमारथ,
अन्य मुनि जे पथ परमारथ,
हनुमान पद प्रीत जगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है।।



बाम भाग सिय सोहत कैसी,

ब्रम्ह जिव विच माया जैसी,
ब्रम्ह जिव विच माया जैसी,
भरत शत्रुह्न चवर फबी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है।।



करत अपावन पावन जग में,

नाम राम को आवत हिय में,
नाम राम को आवत हिय में,
मोहन मन में आस लगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है।।



राम आरती होने लगी है,

जग मग जग मग ज्योत जगी है,
जग मग जग मग ज्योत जगी है।।


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