रंग मत डाले रे सांवरिया,
म्हाने गुजर मारे रे,
रंग मत डारे रे,
रंग मत डाले रे सांवरिया,
म्हाने गुजर मारे रे।।
सास बुरी छे म्हारी नणद हठीली,
सास बुरी छे म्हारी नणद हठीली,
बर्णयो बईमान बालम पीछे झगडे रे,
रंग मत डारे रे,
रंग मत डाले रे सांवरिया,
म्हाने गुजर मारे रे।।
जुलम कर डारयो,
सितम कर डारयो,
जुलम कर डारयो,
सितम कर डारयो,
कारे ने कर दियो लाल,
जुलम कर डारयो।
कोई डाले नीलो पिलो,
कोई डाले हरो गुलाबी,
कोई डाले नीलो पिलो,
कोई डाले हरो गुलाबी,
कान्हा ने डारयो लाल,
जुलम कर डारयो,
काले ने कर दियो लाल,
जुलम कर डारयो।
(तर्ज – ये गोटे दार लहंगा)
होरी खेलेंगे अपने गिरधर गोपाल से,
होरी खेलेंगे अपने गिरधर गोपाल से,
तुम झोली भरलो रे भक्तो,
रंग और गुलाल से,
तुम झोली भरलो रे भक्तो,
रंग और गुलाल से,
होरी खेलेंगे अपने गिरधर गोपाल से।।
लाएंगे वो संग में अपने,
ग्वाल बाल की टोली,
मैं भी रंग अबीर मलूँगी,
और माथे पर रोली,
बच बच के रहना उनकी,
टेडी मेड़ी चाल से,
होरी खेलेंगे अपने गिरधर गोपाल से,
तुम झोली भरलो रे भक्तो,
रंग और गुलाल से।।
श्याम पिया की बजे बसुरिया,
ग्वालो के मजीरे,
और संग बजावे ललिता,
नाचे राधा धीरे धीरे,
गाएंगे फाग मिलके,
हम भी सुरताल से,
तुम झोली भरलो रे भक्तो,
रंग और गुलाल से।।