थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे,
सालासर के मंदिर में,
हनुमान विराजे रे।।
तर्ज – ढोला ढोल मजीरा बाजे रे।
भारत राजस्थान में जी,
सालासर है एक धाम,
सूरज स्वामी बण्यो देवरों,
महीमा अप्रमपार,
थारे लाल ध्वजा फहरावे रे,
सालासर के मंदिर में,
हनुमान विराजे रे।।
चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
भीड़ लगे अति भारी,
नर नारी थारा दर्शन करने,
आवे बारी बारी,
बाबा अटके काज सवारे रे,
सालासर के मंदिर में,
हनुमान विराजे रे।।
राम दूत अंजनी के सुत का,
धरो हमेशा ध्यान,
‘मनीष’ भी चरणों का चाकर,
लाज रखो हनुमान,
बाबा बेड़ा पार लगादे रे,
सालासर के मंदिर में,
हनुमान विराजे रे।।
थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे,
सालासर के मंदिर में,
हनुमान विराजे रे,
हनुमान विराजे रे,
बजरंग विराजे रे,
थारे झाँझ नगाड़ा बाजे रे,
सालासर के मंदिर में,
हनुमान विराजे रे।।