श्याम खता क्या मेरी है,
श्याम खता क्या मेरी है,
खाटु वाले श्याम हमारे,
क्यों रूठे हो आप,
खता क्या मेरी है।।
तर्ज – हनुमान भरोसा तेरा है।
अपने भक्तो को बाबा,
यूँ बिसराना ठीक नहीं,
प्रीत लगाकर के दाता,
हाथ छुड़ाना ठीक नहीं,
थारेस्यू म्हारी प्रीत पुराणी,
सुणल्यो मन की बात,
खता क्या मेरी है,
खाटु वाले श्याम हमारे,
क्यों रूठे हो आप,
खता क्या मेरी है।।
बिच भवर में नाव पड़ी,
था बिन बाबा कोण धणी,
सेवा बाबा नाए बणी,
करणी पड़सी दया घणी,
छोड़ तने मैं जाऊँ कठे श्याम,
छोड़ तने मैं जाऊँ कठे श्याम,
दिखे ना दूजो द्वार,
खता क्या मेरी है,
खाटु वाले श्याम हमारे,
क्यों रूठे हो आप,
खता क्या मेरी है।।
मेरो तो आधार तू ही,
साचो हिम्मतदार तू ही,
थाने छोड़ कठे जाऊँ,
पत को राखणहार तू ही,
‘शिव’ की डोरी छोड़ ना देना,
‘शिव’ की डोरी छोड़ ना देना,
रखना अपने हाथ,
खता क्या मेरी है,
खाटु वाले श्याम हमारे,
क्यों रूठे हो आप,
खता क्या मेरी है।।
श्याम खता क्या मेरी है,
श्याम खता क्या मेरी है,
खाटु वाले श्याम हमारे,
क्यों रूठे हो आप,
खता क्या मेरी है।।