मैं आया हुँ खाटूधाम,
श्याम मुझे दर्शन दे,
दर्शन दे मुझे दर्शन दे,
दर्शन दे मुझे दर्शन दे,
मेरी अखियों की प्यास बुझा,
श्याम मुझें दर्शन दे।।
तर्ज – नचना मोहन दे नाल।
शीश के दानी सब चिंता हरते,
बजरंगबली सब मंगल करते,
खाटू नगरी सजी है कमाल,
श्याम मुझें दर्शन दे,
मैं आया हुँ खाटूधाम,
श्याम मुझें दर्शन दे।।
श्याम दर्श से शक्ति मिलती,
उजड़े चमन में कलियां खिलती,
श्याम कुंड की महिमा विशाल,
श्याम मुझें दर्शन दे,
मैं आया हुँ खाटूधाम,
श्याम मुझें दर्शन दे।।
नटवर नागर नंद कहाते,
प्रेम की बंशी सदा बजाते,
‘जांगिड़’ का पकड़ ले हाथ,
श्याम मुझें दर्शन दे,
मैं आया हुँ खाटूधाम,
श्याम मुझें दर्शन दे।।
मैं आया हुँ खाटूधाम,
श्याम मुझे दर्शन दे,
दर्शन दे मुझे दर्शन दे,
दर्शन दे मुझे दर्शन दे,
मेरी अखियों की प्यास बुझा,
श्याम मुझें दर्शन दे।।
लेखक / प्रेषक – सुभाष जांगिड़।
9783079839