बाबा जी तेरे भगवे अन्दर इसा कौण सा लाग्या सैन्ट
बाबा जी तेरे भगवे अन्दर, इसा कौण सा लाग्या सैन्ट, जो भी तेरे दर पै आवै, भगत बणै तेरा परमानैन्ट।। सुगंध अनोखी तेरे भगवें की, तीन लोक मोहित करती, पारस जैसी चमक है इसमै, चमकै …
बाबा जी तेरे भगवे अन्दर, इसा कौण सा लाग्या सैन्ट, जो भी तेरे दर पै आवै, भगत बणै तेरा परमानैन्ट।। सुगंध अनोखी तेरे भगवें की, तीन लोक मोहित करती, पारस जैसी चमक है इसमै, चमकै …