छोटा सा योगी अलख जगावे नगरी की गली गली म्ह

chota sa yogi alakh jagave nagri ki gali gali me

छोटा सा योगी अलख जगावे, नगरी की गली-गली म्ह।। अलख निरंजन अलख निरंजन, दे दयो माई भिक्षा भोजन, न्यू आवाज लगावै, नगरी की गली-गली म्ह।। बेह माता नै इसा रूप बणाया, कंचन जैसी चमकै काया, …

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