नाथ मेरा धूणे प आवे है किसा बरसे रंग बागड म
नाथ मेरा धूणे प आवे है, किसा बरसे रंग बागड म।। तर्ज – नाथ का चिमटा बाजे री। सबके मन की पुरी होती, नाथ स निराला यो..2, दूर दूर त दूनिया आवे, सोए भाग जगावें …
नाथ मेरा धूणे प आवे है, किसा बरसे रंग बागड म।। तर्ज – नाथ का चिमटा बाजे री। सबके मन की पुरी होती, नाथ स निराला यो..2, दूर दूर त दूनिया आवे, सोए भाग जगावें …