तमन्ना फिर मचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ भजन लिरिक्स

तमन्ना फिर मचल जाये,
अगर तुम मिलने आ जाओ,
मेरी ज़िन्दगी सवर जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ,
तमन्ना फिर मचल जाये,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।

तर्ज – जगत के रंग क्या देखूं।



मुझे ग़म है के मैंने ज़िन्दगी में,

कुछ नहीं पाया,
हाँ मैंने कुछ नहीं पाया,
ये ग़म दिल से निकल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।

तमन्ना फिर मचल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।



ये दुनिया भर के सब झगड़े,

और विश्वास पर घाते,
विश्वास पर घाते,
बला हर एक टल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।

तमन्ना फिर मचल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।



मेरे अपनों ने ही मुझको,

दिए है घाव जो गहरे,
दिए है घाव जो गहरे,
मरहम का काम हो जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।

तमन्ना फिर मचल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।



मेरे जीवन के गुलशन की,

बहारो पर खिजा छाई,
बहारो पर खिजा छाई,
ये मौसम भी बदल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।

तमन्ना फिर मचल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।



नहीं मिलते हो तुम मुझसे,

तो मोह दुनिया से होता है,
तो मोह दुनिया से होता है,
कटे सारे ये भव बंधन,
अगर तुम मिलने आ जाओ।

तमन्ना फिर मचल जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।



तमन्ना फिर मचल जाये,

अगर तुम मिलने आ जाओ,
मेरी ज़िन्दगी सवर जाए,
अगर तुम मिलने आ जाओ,
तमन्ना फिर मचल जाये,
अगर तुम मिलने आ जाओ।।


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