तेरी भोली सी सूरत साँवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है,
अब तो पहले से भी तेरी ज्यादा,
ना जाने क्यों याद आ रही है,
तेरी भोली सी सूरत सांवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है।।
तर्ज – मेरे बांके बिहारी सांवरिया।
मिल भी जाओ ये रिश्ता पुराना,
कहां मिलोगे बता दो ठिकाना,
तुम को भूले पड़े हम कन्हैया,
अब जगह भी समझ आ रही है,
तेरी भोली सी सूरत सांवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है।।
उन गोपियों से हमको मिला दो,
रास करते कहा वो बता दो,
प्यारी प्यारी कदम्ब की छैंया,
मेरे मन को तड़पा रही है,
तेरी भोली सी सूरत सांवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है।।
तेरी घुंघराली अलकों में उलझी,
मेरे प्यासी ये दोनों आँखे,
कौन जाने मेरे इस मन की,
याद आदत बनी जा रही है,
तेरी भोली सी सूरत सांवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है।।
तेरी भोली सी सूरत साँवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है,
अब तो पहले से भी तेरी ज्यादा,
ना जाने क्यों याद आ रही है,
तेरी भोली सी सूरत सांवरिया,
मेरे दिल में बसी जा रही है।।