विनो वाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
श्लोक – प्रेम बिना पावे नही,
चाहे हुनर करो थी हजार।
कहे प्रीतम प्रेम बिना,
मिलतो नही नंद कुमार।।
नही रे नुगरा रे वाले काम रो,
विनो वाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
नाम रो मोटा काम रो रे,
वीनो वाजो सांवरिया थारे काम रो रे।।
सांवरा निम्ब री निबोली घनी खारी रे,
आबो फाटो नी केरी कारी रे।
विनो बाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
नाम रो मोटा काम रो रे,
वीनो वाजो सांवरिया थारे काम रो रे।।
सांवरा मापर तलवारो क्यूँ तानी रे,
तानी क्यूँ घाली पासी म्यान में।
विनो बाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
नाम रो मोटा काम रो रे,
वीनो वाजो सांवरिया थारे काम रो रे।।
सांवरा संतो नी बुलाया घना मान सु रे,
वातो करे रे पराया कान में रे।
विनो बाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
नाम रो मोटा काम रो रे,
वीनो वाजो सांवरिया थारे काम रो रे।।
सांवरा बाई मीरा सुनलो विनति रे,
मारे भगवा री लज्या राखजो रो।
विनो बाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
नाम रो मोटा काम रो रे,
वीनो वाजो सांवरिया थारे काम रो रे।।
नही रे नुगरा रे वाले काम रो,
विनो बाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे,
नाम रो मोटा काम रो रे,
वीनो वाजो सांवरिया थारे काम रो रे।।
“भजन श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”